A SECRET WEAPON FOR SHIV CHAISA

A Secret Weapon For Shiv chaisa

A Secret Weapon For Shiv chaisa

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हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि shiv chalisa in hindi होई॥

सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।

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The discovered kinds observe the Trayodashi (thirteenth lunar day) quick, They meditate and perform the sacred fire ceremony. They observe the Trayodashi rapidly routinely, To ensure their bodies stay free of charge from afflictions.

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

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